इन शायरों ने या तो आत्महत्या की या जल्दी ही इस दुनिया से उठ गए

वाक़ई शाइर बना या बनाया नहीं जा सकता। शाइर या शाइरी को तराशना एक मुख़्तलिफ़ काम है। शाइर होना पैदाइशी हुनर है और ये किसी के हाथ में नहीं। शाइरी की मश्क़ आपके हाथ में है और रियाज़त के हाथ में है, कि वो आप पर असर कब करेगी।