Archives : July 2020

Riyaz Khairabadi

वो शायर जिसने कभी शराब नहीं पी लेकिन सारी ज़िंदगी शराब पर शेर कहता रहा

रियाज़ ख़ैराबादी के तआरुफ़ में सबसे ज़ियादा कही और सुनी जाने वाली बात ये है कि उन्होंने कभी शराब नहीं पी लेकिन शराब पर सबसे ज़ियादा और सबसे अच्छे शेर कहे। पहली बात पर यक़ीन के साथ कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन दूसरी बात पूरी तरह दुरुस्त है। उर्दू के साहित्यिक इतिहास में रियाज़… continue reading

Fahmeeda Riyaz

फ़हमीदा रियाज़: जिनके शब्द ‘सभ्य समाज’ को तीर की तरह चुभते थे

फ़हमीदा रियाज़ का शुमार उर्दू की उन गिनी-चुनी महिला कवियों में किया जाता है जो ज़िंदगी-भर अपनी शायरी को हथियार बना कर समाज की दक़यानूसी सोच और औरत के बारे में उसके ज़ालिमाना रवैय्ये के ख़िलाफ़ लड़ती रहीं। 1967 में अपने पहले काव्य संग्रह ‘पत्थर की ज़बान’ की इशाअत से लेकर 2018 में हुए अपने… continue reading

Urdu Shayari mein amrad parasti ke rang

اردو شاعری میں امرد پرستی کے رنگ

امرد پرستی کے لغوی معنی خواہ کچھ بھی ہوں، اردو شاعری کی روایت میں یہ اصطلاح مختلف معنی میں رائج ہے۔ جیسا کہ عام طور پہ ہم امرد پرستی سے ایک خاص جنسی معنی مراد لیتے ہیں۔ اس کی حیثیت شاعری کی کائنات میں بڑی حد تک ثانوی ہے، اس کا انکار نہیں کیا جا… continue reading

Urdu Marathi

ज़बान-ए-यार मन तुर्की

मुंबई में दो दशक से भी ज़्यादा वक़्त बिताने के बावजूद हम आज तक सही मानो में मुंबईकर नहीं बन पाए हैं। ऐसा नहीं की बम्बईय्या लिंगो से वाक़िफ़ नहीं हैं बस ये शब्द आज भी ज़बान पर आते हुए कतराते हैं। हम आज भी किसी से ये नहीं कह सकते हैं की ‘आज ट्रेन… continue reading

Kya main Farsi bol raha hun

Kya main Farsi bol raha hun?

You must have heard the phrase, ‘Kya main Farsi bol raha hun?’ several times in serials, movies and perhaps by the very people around you as a sarcastic remark when someone cannot comprehend a simple matter. Such is the impact of the phrase that it has become a constant in our everyday speech. But as… continue reading

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