Archives : November 2020

Ghazal, Hard and Sur

ग़ज़ल की मक़बूलियत का सफ़र

मौसीक़ी को पसंद करने वाले की तादाद तब ज़ियादा बढ़नी शुरू हुई, जब इसमें ग़ज़लों को दौर शुरू हुआ | ग़ज़ल की सबसे बड़ी ख़ासियत आहंग और अरूज़ ने गुलूकारों को वो आसानी बख्शी कि कोई भी उस्ताद गुलूकार ग़ज़ल गाए बग़ैर नहीं रह सका |

Asraar-e-Huruuf: The Story of Alif

Asraar-e-Huroof: The Story of Alif

Alif echoes the sound ‘a’, as in the word ‘but’. In Devanagari, it’s written as “अ”. But to understand how monumental this little aspirant-letter is in the grand scheme of things

Gauhar Jaan And Akbar Allahabadi

#QissaKahani: जब हिन्दोस्तान की एक मशहूर गायिका और एक तवाइफ़ अकबर से मिलने पहुँचीं

QissaKahani रेख़्ता ब्लॉग की नई सीरीज़ है, जिसमें हम आपके लिए हर हफ़्ते उर्दू शायरों, अदीबों और उर्दू से वाबस्ता अहम् शख़्सियात के जीवन से जुड़े दिलचस्प क़िस्से लेकर हाज़िर होते हैं। इस सीरीज़ की चौथी पेशकश में पढ़िए अकबर इलाहाबादी और मशहूर गायिका गौहर जान की मुलाक़ात का क़िस्सा।

Kaanto Ke Bhi Kitne Rang

काँटों के भी कितने रंग

पाँव के काँटे से ज़्यादा ख़ूबसूरत और मुनासिब मैटाफ़र शायद मुम्किन ही नहीं। इस एक काँटे को ऐसे रंग रंग के ख़्यालात के लिए इस्तिमाल किया जा सकता है, तो मेरा ये ख़्याल है कि (हालाँकि बहुत अजीब है) काँटे में फूल से ज़ियादा रंग होते हैं।

Ustaad Bismillah Khan

उस्ताद बिस्मिल्लाह ख़ाँ को ग़ुस्सा क्यों आता था?

उस्ताद बिस्मिल्लाह ख़ाँ नाराज़ थे क्योंकि उनका कोई भी काम समय से नहीं शुरू हुआ। इफको उन्हें सात बजे से पहले पहुँचना था मगर वे पहुँचे रात नौ बजे। अंधेरे में कैमरे के फ्लैश चमक रहे थे। वे अपनी आँखों के आगे हाथ लगाते हुए चीखे, “बंद करो इसे…!

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