एक इंक़लाबी की डायरी

पाश ने मुसलसल डायरी नहीं लिखी। उनकी डायरी कई बरसों पर फैली हुई है। बेशतर साल की शुरूआत में डायरी लिखना शुरूअ किया और फिर बंद कर दिया। पाश की तमाम डायरियाँ संपादित हो कर पंजाबी में प्रकाशित हो चुकी हैं और इनका संपादन अमोलक सिंह ने किया है।