संगीत की कला: गुण और दोष

संगीत मूल रूप से ध्वनि की कला है। संगीत में ध्वनि की अवधारणा बहुत पुरानी है। आवाज़ यंत्रों की ईजाद से बहुत पहले से मौजूद थी। और आवाज़ ही को नज़ीर बना कर संगीत के साज़ ईजाद हुए हैं। हिन्दोस्तान को राग-रागनियों का मुल्क कहा जाता है। संगीत हिन्दुस्तानी सभ्यता का एक मूल तत्व है। हिन्दुस्तानी संगीत को अपनी कुछ विशेषताओं के आधार पर हिन्दुस्तानी पहचान के तौर पर माना जाता है।