Articles By Akash Arsh

आकाश ‘अर्श (आकाश तिवारी) सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश में 2 मई 2001 को पैदा हुए। प्रारम्भिक शिक्षा जगराओं, पंजाब में पूरी की। चार भाषाओं - उर्दू, हिंदी, अंग्रेज़ी और पंजाबी के साहित्य में समान रूप से रुचि। उर्दू और पंजाबी भाषा में काव्य-सृजन। सक्रिय रूप से अनुवाद और संकलन कार्यों में लगे हुए हैं। रेख़्ता फ़ाउंडेशन में एडिटोरियल इग्ज़ेक्युटिव के पद पर कार्यरत।

Shakeel Badayuni

जब शकील बदायुनी सरकारी नौकरी छोड़ कर मुंबई में क़िस्मत आज़माने लगे

शकील का मर्तबा ब-तौर गीतकार जिस दर्जा बुलंद है, ब-तौर एक शाइर भी उनका मर्तबा कुछ कम नहीं है। पहले उनके शाइराना पहलू के हवाले से बात करते हैं। शकील की पैदाइश 3 अगस्त 1916 को बदायूँ में हुई थी। उनके वालिद जमील अहमद क़ादरी बम्बई की एक मस्जिद में इमामत करते थे, लिहाज़ा उनका ज़ियादा-तर वक़्त बदायूँ से बाहर गुज़रता था।

Teen Urdu Shayar

तीन उर्दू शायर और उनकी पंजाबी ग़ज़लें

ग़ज़ल हिन्दोस्तान की दीगर ज़बानों में कही जा रही है, लेकिन पंजाबी ग़ज़ल उर्दू ग़ज़ल के क़रीब-तरीन है। ये क़ुरबत इस दर्जा है कि पंजाबी के मुमताज़ शायरों के फ़ेहरिस्त में जो लोग हैं, उन नामों से उर्दू के क़ारी भी ना-शनास नहीं। हबीब जालिब, ज़फ़र इक़बाल, मुनीर नियाज़ी जैसे मोतबर शायर इसकी चंद मिसालें हैं।

Ibn e Insha Blog

इब्न-ए-इंशा और उनका चाँद नगर

चाँद से मुतअल्लिक़ बहुत सारे मुहवारे भी हमारी ज़बान का हिस्सा हैं, मसलन ईद का चाँद होना, चार चाँद लगना वग़ैरह। इसके बावजूद जब मैं चाँद के हवाले से शायरी की बात करता हूँ तो मेरे ज़हन में सिर्फ़ दो नाम नुमायाँ होते हैं – पहला मीर तक़ी मीर और दूसरा इब्न-ए-इंशा।

Shakeb Jalali Blog

ज़िन्दगी के ज़ख़्मों से लहू-लुहान शायर : शकेब जलाली

शकेब जलाली की शायरी का उस्लूब मुनफ़रिद और मुमताज़ है और उनकी ग़ज़ल में क़ुदरत रात-दिन, जंगल-सेहरा, बहार-ख़िज़ाँ, अपने हर रूप में जलवा-नुमा है। उनकी शाइरी में ख़िज़ाँ-रसीदा शजर, चाँद, दरिया के इस्तिआरे क़सरत से इस्तेमाल हुए हैं।

Twitter Feeds

Facebook Feeds