“हिंदुस्तान की हर ज़बान को एक गोपीचंद नारंग चाहिए।” कमलेश्वर
प्रोफेसर गोपीचंद नारंग साहब का जाना किसी बड़ी शख़्सियत के जाने से ज़्यादा बड़ा सानिहा इसलिए है कि गोपीचंद नारंग सिर्फ़ बड़ी शख्सियत नहीं थे बल्कि वो जिस तहज़ीब के अलम-बरदार थे वो उनके साथ चली गई है। वो तहज़ीब बहुत तेज़ी से ख़त्म होती जा रही है। वो तहज़ीब सिर्फ उर्दू ज़बान की तहज़ीब नहीं है बल्कि हिंदुस्तान की हर ज़बान की तहज़ीब है।
By Zia Zameer
June 16, 2022