कृष्ण चंद्र के पढ़े लिखे गधे

हर ज़माने में गधों की अज़मत का तरह तरह से एतराफ़ किया गया, कभी ये पैग़म्बरों की सवारी बने, कभी इन्सानों का बोझ उठाया, किसी पार्टी के इंतिख़ाबी निशान के तौर पर पहचाना गया, कभी सियासी जलसों में डिस्कस हुए, हमारे यहां गधा महज़ बोझ उठाने वाला जानवर ही नहीं एक काबिल-ऐ-क़दर जंगी हीरो भी… continue reading