तस्वीर की आँखों से थकन झाँक रही है
शायर जलील मानिकपूरी साहब अपनी महबूबा की तस्वीर देखते हुए कहते हैं कि इस तस्वीर में हर अदा अच्छी है, सिवाए इस बात के कि तस्वीर में महबूबा ख़ामोश है। अब ये सभी को पता है कि अपनी तस्वीर में कोई भी शख्स ख़ामोश ही रहेगा, लेकिन फिर भी शायर का बयान लुत्फ़ देता है।
By Vijay Sharma
October 19, 2020