Articles By Vijay Sharma

आइये ! देखते हैं कि शायरों ने ख़्बाव को किस तरह बरता है

हमारा ख़्वाब वो जगह है जहाँ हमारी इजाज़त के बिना कोई भी दाख़िल नहीं हो सकता है | वहाँ बस वही आ सकते हैं जिन्हें हमारा प्यार हासिल है, जो बातें हक़ीक़त से जितनी दूर हों, वो ख़्वाबों में उतनी ही क़रीब हो जाती हैं |

Waqt Par Shayari

आइये वक़्त के साथ चलते हैं कुछ शेरों के सहारे

अव्वल तो ये कि वक़्त फ़ारसी का लफ़्ज़ है। लेकिन फ़ारसी में इसका तलफ़्फ़ुज़ कुछ इस तरह से है कि ये ‘बख़्त’ बन जाता है मगर लिखा वक़्त ही जाता है। फ़ारसी में वक़्त का मतलब समय का हिस्सा, ज़माना या मौसम होता है। हिंदी-उर्दू में इस्तेमाल होने वाला बख़्श भी इसी ‘वक़्त’ का रूप है। जिस तरह से हिंदी में ‘व’ – ‘ब’ में बदलता है, ठीक उसी तरह से फ़ारसी में भी। वक़्त जब रूप बदलकर बख़्त बना तो उसका मतलब भी समय से बदलकर क़िस्मत या भाग्य हो गया।

Ghazal, Hard and Sur

ग़ज़ल की मक़बूलियत का सफ़र

मौसीक़ी को पसंद करने वाले की तादाद तब ज़ियादा बढ़नी शुरू हुई, जब इसमें ग़ज़लों को दौर शुरू हुआ | ग़ज़ल की सबसे बड़ी ख़ासियत आहंग और अरूज़ ने गुलूकारों को वो आसानी बख्शी कि कोई भी उस्ताद गुलूकार ग़ज़ल गाए बग़ैर नहीं रह सका |

Image Shayari, Tasweer shayari

तस्वीर की आँखों से थकन झाँक रही है

शायर जलील मानिकपूरी साहब अपनी महबूबा की तस्वीर देखते हुए कहते हैं कि इस तस्वीर में हर अदा अच्छी है, सिवाए इस बात के कि तस्वीर में महबूबा ख़ामोश है। अब ये सभी को पता है कि अपनी तस्वीर में कोई भी शख्स ख़ामोश ही रहेगा, लेकिन फिर भी शायर का बयान लुत्फ़ देता है।

Rishton Ki Ahmiyat, Rishton Ki Majbooriyan

रिश्तों की मजबूरियाँ और शायर का दर्द

आदमी के पैदा होते ही उसके साथ तमाम तरह के रिश्ते जुड़ जाते हैं | जब होश संभलता है तो पता लगता है कि आख़िर ये रिश्ते क्या हैं और इनकी हमारी ज़िन्दगी में अहमियत क्या है ! इसके बाद कुछ रिश्ते बेहद ज़रूरी लगने लगते हैं और कुछ एकदम बेमानी | फिर ज़िन्दगी के… continue reading

Twitter Feeds

Facebook Feeds