Articles By Zia Zameer

ज़िया ज़मीर वर्ष 1977 में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में पैदा हुए। शिक्षा मुरादाबाद में हुई, यहीं टैक्सेशन के लॉयर हैं। इनके वालिद मशहूर शायर ज़मीर दरवेश हैं। ज़िया ज़मीर ने वर्ष 2001 से शायरी शुरू की और इनकी शायरी के दो मजमुए शाया हो चुके हैं। जिन पर बिहार उर्दू एकेडमी, उत्तर प्रदेश उर्दू एकेडमी और हम्दो-नात फाउंडेशन ने इनाम दिए हैं। तीसरा मजमुआ शाया होने वाला है। ज़िया ज़मीर ग़ज़ल, नज़्म, नात, कहानी, समीक्षात्मक और आलोनात्मक निबंध लिखते हैं।

Firaq Gorakhpuri

फ़िराक़ गोरखपुरी होने का मतलब

फ़िराक़ गोरखपुरी पिछली सदी के सबसे जीनियस शायर हैं। फ़िराक़ से पहले जीनियस लफ़्ज़ के मुसतहिक़ ग़ालिब नज़र आते हैं। ग़ालिब और फ़िराक़ में एक बात और कॉमन है। वो है इन दोनों की नस्र। अगर आप इन दोनों की नस्र पढ़ें तो थोड़ी देर को ही सही, आपका ईमान इनकी शायरी से हिल जाएगा… continue reading

Corona, shayari, urdu, poetry

कोरोना के बाद की दुनिया: शायर की नज़र से

इक्कीसवीं सदी की तीसरी दहाई शुरू हुआ चाहती है। मौसमे-सर्द रवाना होते-होते वापसी कर रहा है और मौसमे-गर्म की आमद-आमद है। मगर दो मौसमों के मिलन की इस साअत में भी दिल बुझे हुए हैं। दो-चार लोगों के दिल नहीं, दो-चार शहरों या मुल्कों के दिल नहीं बल्कि सारी दुनिया के दिल बुझे हुए हैं।… continue reading

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