Tag : Bahr

Urdu poetry techniques

उल्टी वा की धार

यूँ तो बहुत सी बातें हैं जो किसी शे’र को एक बेहतरीन शे’र बनाती हैं और उन पर दुनिया भर की बातें हुईं हैं मगर एक चीज़ जिस पर बात बहुत कम होती है वो है, “उल्टा इस्तेमाल” या मुख़ालिफ़ मअनी को साथ ला कर नए मअनी पैदा करना।

what is Bahr?

Why Beher?

“The appropriateness of speech means that it should be divided into such parts which, when recited, create a beautiful continuity in the voice, and which have a delightful proportion and balance to each other.”

हमारी ज़िन्दगी में भी बहर होती है

बहर क्या है? बहर घड़ी की टिक-टिक है। बह’र लय है, हू-ब-हू जैसे हमारी साँसों की लय, हमारी नब्ज़ की लय, हमारे दिल की धड़कन की लय, समन्दर की लहरों की लय, हवा का वेग, नदी का प्रवाह, ऋतुओं का बदलना, सुब्ह होना- दोपहर होना- शाम होना- रात होना और फिर सुब्ह होना।

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