दिल्ली अपने शाइ’रों की नज़र में

दिल्ली वक़्त जितना ही पुराना शह्र है। इस शह्र के सब से पुराने आसार तक़रीबन 300 क़ब्ल-ए-मसीह के आस-पास के हैं। ये शह्र हमेशा से तहज़ीब, तरक़्क़ी और फ़ुनून-ए-लतीफ़ा का मर्कज़ रहा है। इसी लिए, जब हम तारीख़ के पन्ने पलटते हैं तो पाते हैं कि इस शह्र ने जितने आली-मर्तबत लोगों को अपनी तरफ़ खींचा, उतने ही हम्लावरों को भी।