Tag : Music

Sangeet aur taal

ताल का परिचय

ताल संगीत की हर क़िस्म में या हर प्रकार के संगीत में एक महत्वपूर्ण तत्व का स्थान रखता है। इसलिए कि ये संगीतमय ध्वनियों के प्राप्ति विस्तार को क्रमबद्ध और अनवरत रखता है। शायरी में जो स्थान छंद को प्राप्त है वही हैसियत संगीत में ताल को प्राप्त है। हिंदुस्तानी संगीत में ताल की अवधारणा वेदों से ही चली आरही है। वेदों के हम्दिया नग़मे (ईश्वर का स्तुतिगान) वो श्रोत हैं जिनसे आजकल की ज़रबें हासिल की गई हैं।

Sangeet-Ki-Kala

संगीत की कला: गुण और दोष

संगीत मूल रूप से ध्वनि की कला है। संगीत में ध्वनि की अवधारणा बहुत पुरानी है। आवाज़ यंत्रों की ईजाद से बहुत पहले से मौजूद थी। और आवाज़ ही को नज़ीर बना कर संगीत के साज़ ईजाद हुए हैं। हिन्दोस्तान को राग-रागनियों का मुल्क कहा जाता है। संगीत हिन्दुस्तानी सभ्यता का एक मूल तत्व है। हिन्दुस्तानी संगीत को अपनी कुछ विशेषताओं के आधार पर हिन्दुस्तानी पहचान के तौर पर माना जाता है।

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बंदूक़ों की नाल से निकलता संगीत

मैहर बैंडदुनिया में इकलौता… भारतीय शास्त्रीय संगीत का आर्केस्ट्रा। बाबा की अनूठी रचना। इस बार पेश किया राग कोसी कांगड़ा। नरेंद्र का फ्लैश चमका। हर वाद्य से उठती एक अलग धुन- सागर की लहरों की तरह कभी अकेली उठान लिए तो कभी आपस में घुलती-मिलती, कभी तेज प्रवाह के साथ चट्टानों से टकराती तो कभी पल-भर को शांत… ।

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मैहर : जहाँ अतीत मौजूदा वक़्त के साथ-साथ चलता है

मेरे लिए मैहर आना दरअसल मेरे बचपन के नास्टेल्जिया से जुड़ा था। बहुत साल पहले की बात है। तब मैं नौ बरस की उम्र में पिता के साथ उस पहाड़ की पथरीली ऊँची-नीची सीढ़ियाँ चढ़कर मंदिर तक पहुँचा था। माँ पीछे छूट गई थीं। ऊँचाई पर तेज हवा चल रही थी और मेरे कपड़े फड़फड़ा रहे थे। तब पिता के साथ मैंने ऊपर रेलिंग से झाँका था।

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