बात करना या बात करनी – दिल्ली और लखनऊ वालों का मसअला
अस्ल में इस बखेड़े की वजह है दिल्ली और लखनऊ स्कूल का एक क़दीम इख़्तिलाफ़ मसदरी प्रतीक को लेकर। मसदरी प्रतीक कहते हैं वो अलामत जो फे़अल की अस्ल सूरत यानी मसदर पर लगती है। ‘खिलाना’ ‘पिलाना’ ‘खाना’ ‘देखना’ ‘भागना’ वग़ैरा ये मसदरी सूरतें हैं और उनके आख़िर में जो “ना” है वो अलामत-ए-मसदरी है।
						By Ajmal Siddiqi 
						October 27, 2021
					
					
					 
             
            				 
            				 
            				 
            				 
            				 
            				 
    						
    						
    						