Articles By Priyamvada Singh

प्रियंवदा सिंह 1991 में दिल्ली में पैदा हुईं और बायोटेक्नोलॉजी में मास्टर्स किया और फिर उसके बाद अंग्रेज़ी अदब में मास्टर्स की डिग्री हासिल की और इस वक़्त आकाशवाणी बीकानेर में कम्पीयर, फ़्री लांस एंकर, ट्यूटर, और कंटेंट राइटर हैं। प्रियंवदा सिंह मौजूदा शायरी की वो आवाज़ हैं जो ऐवान ए शेर-ओ-अदब में बड़ी तुन्दी और शिद्दत से गूँज रही है। आपकी शायरी में रिवायत और जिद्दत का हसीन इम्तेज़ाज देखने को मिलता है। आप शायरी में वुस्अत ए ख़याल के साथ-साथ लफ़्ज़ की साख़्त और तरक़ीब साज़ी का खास ख़याल रखती है जिससे कि शेर की मानवी फ़िज़ा और लफ़्ज़ी फ़िज़ा दोनों क़ायम रहती है और यही फ़िज़ा क़ारियान ए शेर-ओ-सुख़न को अपना गिर्विदा बना लेती है।

Ameer Minai

अमीर मीनाई: जिनका कलाम उन के नाम से ज़ियादा मशहूर हुआ

अमीर मीनाई एक ऐसे अहम शायर हैं जिन पर बहुत कम बात होती है, चूँकि वो हमारी शेरी रवायत के बड़े शायर हैं और मुआमिला ये है कि उनका कलाम उनसे ज़ियादा मशहूर है। अमीर मीनाई का नाम बहुत लोग नहीं जानते लेकिन उनके अशआर फिर भी लोगों की ज़बाँ पर रहते हैं, मिसाल के तौर पर “ज़मीं खा गयी आसमां कैसे कैसे”।

Meer O Ghalib Ke Qasid Kitne Masoom Kitne Chalaak

मीर-ओ-ग़ालिब के क़ासिद: कितने मासूम कितने चालाक

शायरों के ख़यालात हर मुआमले में एक अनोखापन लिए हुए होते हैं, या यूँ कहिए कि उन्हें बयाँ करने का भी उनका एक अलग अंदाज़ होता है, ज़ाहिर है शायरों के तअल्लुक़ात भी जुदा होते हैं या कम अज़ कम अलाहिदा नज़रिए से देखे जाने का या बयान किये जाने का शरफ़ पाते हैं। अब… continue reading

Phir Chhidi Baat Phoolon Ki

फिर छिड़ी बात फूलों की

उर्दू शायरी में फूलों का ख़ास मक़ाम रहा है, दर अस्ल फूल हर ज़बान के अदब में अपना ख़ास मक़ाम रखते हैं। जैसे एक फूल होता है जिसे बर्ड ऑफ़ पैराडाइज़ कहते हैं, इसी फूल को क्रेन फ़्लावर यानी सारस फूल भी कहते हैं, वज्ह बनावट से ज़ाहिर है। अब फ़र्ज़ कीजिये कि इस फूल… continue reading

Urdu Mein Gesu-e Ghanshyam Ke Kham

उर्दू में गेसू-ए-घनश्याम के ख़म

पंडित दयाशंकर नसीम की ‘गुलज़ार-ए-नसीम’ में एक दिलचस्प बात पता चली और ऐसा लगा जैसे कोई पहेली खुली हो, तो वो पहेली ये थी कि गुलज़ार-ए-नसीम में एक शे’र है, साद आँखों के देख कर पिसर कीबीनाई के चेहरे पर नज़र की यहाँ साद से क्या मुराद है ये समझ नहीं आ रहा था, अपने… continue reading

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