Tag : Rahat Indori

Rahat Indori

तमाम शह्र में मौज़ू ए गुफ़्तगू हम थे

राहत इंदौरी ने मुशाइरे को एक क़िस्म के परफ़ार्मेंस में बदल दिया.. और मुशाइरे के मंच को भी राहत इंदौरी से बड़ा परफ़ार्मर अब शायद ही नसीब हो। वे ऐसा जादू जगाते थे जिसको दोहराना किसी के भी लिये मुमकिन न था।

Rahat Indori, Contemporary India Poet Rahat Indori, Modern India Poet Rahat Indori, Urdu Poet Rahat Indori

राहत इंदौरी: ये सानेहा तो किसी दिन गुज़रने वाला था

राहत की चुभती हुई शायरी, शेर सुनाने के ड्रामाई अंदाज़ और मौके़-मौके़ पर उनकी तरफ़ से फेंके जाने वाले लतीफ़ों और जुमलेबाज़ी ने उन्हें एक दूसरे ही जहान का शायर बना दिया था। वो माईक पर आते ही मुशायरे की ख़ामोशी को दाद-ओ-तहसीन की गर्मी से ऐसा पिघलाते थे कि देर तक मुशायरा अपने मामूल पर नहीं रह पाता था।

Twitter Feeds

Facebook Feeds