Articles By Priyamvada Singh

प्रियंवदा सिंह 1991 में दिल्ली में पैदा हुईं और बायोटेक्नोलॉजी में मास्टर्स किया और फिर उसके बाद अंग्रेज़ी अदब में मास्टर्स की डिग्री हासिल की और इस वक़्त आकाशवाणी बीकानेर में कम्पीयर, फ़्री लांस एंकर, ट्यूटर, और कंटेंट राइटर हैं। प्रियंवदा सिंह मौजूदा शायरी की वो आवाज़ हैं जो ऐवान ए शेर-ओ-अदब में बड़ी तुन्दी और शिद्दत से गूँज रही है। आपकी शायरी में रिवायत और जिद्दत का हसीन इम्तेज़ाज देखने को मिलता है। आप शायरी में वुस्अत ए ख़याल के साथ-साथ लफ़्ज़ की साख़्त और तरक़ीब साज़ी का खास ख़याल रखती है जिससे कि शेर की मानवी फ़िज़ा और लफ़्ज़ी फ़िज़ा दोनों क़ायम रहती है और यही फ़िज़ा क़ारियान ए शेर-ओ-सुख़न को अपना गिर्विदा बना लेती है।

Yogesh Praveen

शान ए लखनऊ, जान ए लखनऊ

योगेश प्रवीन के इल्म से मुतास्सिर हो कर उन से सिर्फ़ अवाम ही नहीं बॉलीवुड के लोग भी सलाह लेने आया करते थे, बीच सत्तर के दशक में शशि कपूर और श्याम बेनेगल अपनी फ़िल्म जुनून के लिए योगेश जी से मशविरा करने आये थे। ये उस वक़्त की बात है जब शशि कपूर सुपर स्टार हुआ करते थे और श्याम बेनेगल बेहतरीन डायरेक्टर के रूप में जाने जाते थे।

आइये देखते हैं मुख़्तलिफ़ सभ्यताओं में बिल्ली का क्या किरदार था

आज इंटरनेट पर देखे जाने वाले सबसे ज़ियादा वीडियो और तस्वीरें बिल्लियों की हैं लेकिन बिल्लियाँ इंटरनेट से मशहूर नहीं हुई हैं, बिल्लियाँ हर सदी में किसी न किसी वज्ह से ख़ास रहीं हैं।

Bashir Badr

मैं कौन हूँ? मेरी तारीख़ हिंदुस्तान की तारीख़ के आस पास है: बशीर बद्र

वो शायर जिसने दुनिया में ख़ुश्बू, मोहब्बत और याद किये जाने वाले बेशुमार अशआर बांटे, अपने अहद का बहुत बुलंद शायर, मुशायरों की जान बल्कि मुशायरों की शम’अ बशीर ‘बद्र’ जो अपने नाम के साथ पूरा इंसाफ़ करता है कि वो चाँद भी है और ख़ुश-ख़बरी पहुंचाने वाला भी।

Mushaira and poets

क्या रहा है मुशायरे में अब

शायरी और अदब के चाहने वाले कभी भी एक ही शायर या अदीब को लेकर नहीं बैठते, ये तो मुमकिन है कि कोई एक अदीब उन्हें ज़ियादा पसंद हो, मगर ऐसा नहीं होता कि वो किसी और को न पढ़ें, मीर के आशिक़ ग़ालिब के भी दीवाने हो सकते हैं, जौन को चाहने वाले फ़ैज़ की नज़्में भी गुनगुनाते हुए मिल जाते हैं।

Husn e Jaana Ki Tareef

इन शेरों की तो पेंटिंग्स भी नहीं बनाई जा सकती

महबूब की तारीफ़ करनी हो या मोहब्बत का इज़हार, सबकी पहली पसंद शायरी है, सबकी ज़िन्दगी में एक दौर ऎसा ज़रूर आता है जब ख़ूब शायरी पढ़ी जाती है और लिखने की कोशिशें भी होती हैं, ये दौर अक्सर मोहब्बत या आज की ज़बान में क्रश या पहले पहले प्यार का दौर होता है।

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