Tag : Baat Se Baat Chale

Naseeruddin Shah interview

لوگ ہندی فلموں سے تنگ آچکے ہیں۔

ان دنوں فلموں میں زبان کو لے کر بہت ہنگامہ ہوتا ہے۔ خاص کر جب سے ساؤتھ سے کچھ سپر ہٹ فلمیں آئی ہیں۔ ساتھ ہی ہندی کے حوالے سے سیاسی بیان کے بعد بھی بڑے لوگوں نے بیانات دیئے، بحثیں ہوئیں۔ اردو ہمیشہ سے ایک ہدف رہی ہے۔ ان تمام باتوں پر جمیل گلریز نے فلم اور تھیٹر کے مشہور اداکار نصیر الدین شاہ سے بات کی۔

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बात से बात चले, बकुल देव के साथ एक गुफ़्तगू!

इस सिलसिले के चलते अपने हमअस्रों को और क़रीब से जानने-समझने के मवाक़े तो मयस्सर आएंगे ही, साथ ही साथ गुफ़्तगू के दौरान उर्दू अदब और अदीबों के तख़्लीकी तर्ज़ो तरीक़ के नये पहलू भी सामने निकल कर आएंगे..

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बात से बात चले: तसनीफ़ हैदर के साथ एक अदबी गुफ़्तगू!

लिखने की तरफ़ झुकाव बहुत छोटी उम्र से हुआ था। अब ठीक से तो याद नहीं मगर ये शायद 1995 के आस पास की बात है, जब मेरी उम्र नौ बरस थी। दिल्ली के एक उर्दू रिसाले ‘बच्चों की निराली दुनिया’ में मेरी एक नज़्म ‘मेरा ख़ानदान’ छपी थी। शेर वेर मैं बहुत पहले कहने लगा था।

Baat se Baat Chale Dhirendra Singh Faiyaz

बात से बात चले!

सालिम सलीम : आग़ाज़ हम आप के ख़ानदानी पस-मंज़र से करेंगे, क्या आप के घर में शा’इरी और अदब का माहौल था, जिस से प्रभावित हो कर आप भी शे’र की तरफ़ माइल हुए। इस के बारे में कुछ हमें बताइए। धीरेंद्र सिंह फ़य्याज़ : नहीं ! मेरे परिवार का दूर- दूर तक शा’इरी तो… continue reading

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