Tag : Bollywood

Majrooh Sultanpuri

Majrooh: The poet who captured the times

Majrooh was not a novice in the Bombay film industry. He had started his career as a lyricist with the 1946 Shahjahan which included the pathos-ridden “Jab dil hi toot gaya”. Born in 1919, his real name was Asrar ul-Hassan Khan and he adopted the pen name Majrooh (wounded) when he started writing. A trained Unani physician, he realized fairly early that his calling was poetry.

Sahir-Ludhianvi Blog

साहिर लुधियानवी: नग़्मों में ज़िंदगी

अब्दुल हई उर्फ़ साहिर लुधियानवी के ख़ानदान में दूर-दूर तक शेर-ओ-शाइरी की रिवायत का नाम-ओ-निशान नहीं मिलता फिर भी उस्ताद फ़ैयाज़ हरियाणवी की पनाह में साहिर तक़रीबन पन्द्रह-सोलह की उम्र ही से शाइरी करने लगे थे। स्कूल के ही दिनों में साहिर को फ़ारसी, उर्दू की सैकड़ों ग़ज़लें और नज़्में हिफ़्ज़ थीं। साहिर अपने दोस्तों को अक्सर ग़ालिब, मीर, सौदा, इक़बाल और फ़िराक़ गोरखपुरी की शाइरी सुनाया करते थे।

Naseeruddin Shah Blog

कहते हैं कि नसीर का है अंदाज़-ए-बयाँ और

ग़ालिब सीरीयल के तअल्लुक़ से एक और दिलचस्प क़िस्सा है। नसीरुद्दीन शाह मुँह-फट, और ग़ुस्सैले मशहूर हैं। ज़बान पर अंग्रेज़ी की वो गाली जो एफ़ से शुरू होती है, वो भी चढ़ी हुई है। उनकी शरीक-ए-हयात रत्ना ने उनसे गुज़ारिश कि ख़ुदा के लिए अपनी ज़बान पर क़ाबू रखना क्योंकि तुम इंडस्ट्री के तीन सब से ज़ियादा मोहज़्ज़ब, शाइस्ता और शरीफ़ लोगों के साथ काम कर रहे हो।

Naseeruddin Shah interview

لوگ ہندی فلموں سے تنگ آچکے ہیں۔

ان دنوں فلموں میں زبان کو لے کر بہت ہنگامہ ہوتا ہے۔ خاص کر جب سے ساؤتھ سے کچھ سپر ہٹ فلمیں آئی ہیں۔ ساتھ ہی ہندی کے حوالے سے سیاسی بیان کے بعد بھی بڑے لوگوں نے بیانات دیئے، بحثیں ہوئیں۔ اردو ہمیشہ سے ایک ہدف رہی ہے۔ ان تمام باتوں پر جمیل گلریز نے فلم اور تھیٹر کے مشہور اداکار نصیر الدین شاہ سے بات کی۔

Kamal Amrohi

आई ज़ंजीर की झनकार

कमाल अमरोही अपने तरीके से जिए। अपने तरीके से फिल्में भी बनाईं, एक लंबे जीवन में सिर्फ चार फिल्मों का निर्देशन किया। ‘पाकीज़ा’ और ‘रज़िया सुल्तान’ इन दो फिल्मों को बनाने में इतना लंबा वक्त लिया कि इंडस्ट्री में बहुत से लोगों का कॅरियर भी उससे छोटा हुआ करता है। बचपन में एक बार अपनी अम्मी के डाँटने पर उन्होंने वादा किया कि वह किसी दिन मशहूर होंगे और उनके पल्लू को चाँदी के सिक्कों से भर देंगे।

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