प्रेमचंद की कहानियों के किसानों से मिलिए, जो आज के किसानों से ही मिलते-जुलते हैं
किसानों के जीवन को मौज़ूअ बना कर लिखी गईं ये कहानीयाँ पढ़ कर जो एक ख़ास बात सामने आती है वो ये कि प्रेमचंद के समय के किसान और हमारे दौर के किसान एक ही से हालात का शिकार हैं। प्रेमचंद की ये कहानियाँ लम्बा समय गुज़र जाने के बाद भी हमारे आज के दौर के किसानों की कहानियाँ मालूम होती हैं।