नज़ीर अकबराबादी: देसी मिट्टी की ख़ुश्बू
वली मोहम्मद नाम के गुमनाम शाइर अवाम के गीत गा रहे थे। कभी ककड़ी खीरा बेचने वाले के लिए नज़्म लिख देते तो कभी लड्डू बेचने वाले के लिए इस से ये हुआ कि लोग इन्हें बाज़ारी शाइर कहने लगे। पूरा नाम शेख़ वली मोहम्मद था लेकिन नज़ीर अकबराबादी के नाम से शोहरत पायी । इनका जन्म दिल्ली में 1735 के आसपास शेख़ मुहम्मद फ़ारूक़ के घर हुआ।