आँखों से सम्बंधित मुहावरे: आँखें शरीर को ही नहीं भाषा को भी ख़ूबसूरत बनाती हैं!
आँखें वैसे तो शरीर के दूसरे अंगों की तरह एकअंग ही हैं जिनके द्वारा हम संसार को देखते हैं और उसके दृश्यों से सम्बंध स्थापित करते हैं, लेकिन हमारी ज़िंदगी में इनकी अहमियत शरीर के दुसरे अंगों की अपेक्षा कुछ ज़्यादा ही रही है. अदब व शायरी में भी आँखों के इर्द-गिर्द नये नये मज़ामीन बाँधे गये हैं, उनके सौन्दर्य की प्रशंसा की गयी है, उनकी बनावट और तराश-ख़राश को बयान किया गया है, उनकी मक्कारियों और चालाकियों के तज़्किरे हुए हैं.
आँखों की अहमियत का अंदाज़ा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उर्दू की इश्क़िया शायरी में यह नियमित रूप से एक जीवंत और सक्रीय किरदार के तौर पर नज़र आती हैं, जो कभी किसी का दिल चुराती हैं, तो कभी किसी के दिल के राज़ों को बयान करती हैं. जांनिसार अख़्तर ने क्या ख़ूब शेर कहा है:
जलील मानकपुरी इन आँखों का तज़्किरा कुछ इस तरह करते हैं:
यह तो शायरी की बात हुई, अगर हम भाषा की बात करें तो यहाँ भी ऐसे सैकड़ों मुहावरे, तरकीबें, उपमाएं और कहावतें हैं जिनमें इन आँखों का ही जादू नज़र अता है. यहाँ हम आपके लिए कुछ ऐसे ही दिलचस्प मुहावरे लेकर हाज़िर हुए हैं जिनका सम्बंध आँखों से है और हमारी रोज़मर्रा की बोलचाल में ख़ूब इस्तेमाल होते हैं.
यह तो आप जानते ही हैं की मुहावरा वास्तव में दो या उससे अधिक शब्दों के उस संग्रह को कहते हैं जिसे वास्तविक अर्थ के बजाय कृत्रिम अर्थ में प्रयोग किया गया हो, जैसे ‘धोका खाना’, ’ग़म खाना’. यहाँ खाना अपने असली और शाब्दिक अर्थ में नहीं बल्कि कृत्रिम अर्थ में प्रयोग किया गया है.
मुहावरे के लिए एक बुनियादी शर्त ये भी होती है कि वह अहल-ए-ज़बान की बौल-चाल के अनुरूप हो, जैसे ‘घी के चराग़ जलाना’. यहाँ घी की जगह तेल के चराग़ जलाना प्रयोग करना ग़लत होगा.
आँखों से सम्बंधित मुहावरों का यह शानदार संग्रह आपकी ख़िदमत में पेश है, आप इन्हें पढ़िए, अपनी बोलचाल में शामिल कीजिए और उर्दू प्रेमियों के साथ साझा कीजिए.
आँख लड़ाना : आशिक़ी करना
आँख चुराना : कतराना, सामने ना आना
आँख आना: आँखें दुखना
आँख सेंकना : हसीनों को देखना
आँख मारना : इशारा करना, मुहब्बत भरा इशारा करना, व्यंग्य करना, मज़ाक़ उड़ाना
आँख से गिरना : अपमानित होना, ज़लील होना
आँख लड़ना : मुहब्बत होना
आँख में बसना : पसंद आना, प्रेम होना
आँखों में घर करना : आँखों में बसना, आँखों में समाना
आँखें बिछाना : इंतज़ार करना, सम्मान से किसी की राह देखना
आँखों पर जगह देना : इज्ज़त देना, सम्मान देना
आँख में खटकना : अप्रिय होना, नापसंद होना
आँखों पर पर्दा पड़ना : बेख़बर होना, मूढ़ होजाना
आँख सीधी रखना : मेहरबानी का बर्ताव करना
आँखों में रात काटना : रातभर जागते रहना
आँख बदलना : बेमरव्वत हो जाना, बेवफ़ा हो जाना
आँख बंद हो जाना : संसार से विदा होजाना, मर जाना
आँखों में सूरत फिर जाना : किसी की याद आना, किसी की सूरत का याद आजाना
आँखों में सरसों फूलना : आँखों का पीला होना, नशे में डूब जाना
आँखों पर पट्टी बांधना : असावधान और बेख़बर होना
आँख का काजल चुराना : अय्यार होना, चतुर होना
आँख उठाकर न देखना : उपेक्षा करना, घमंड करना, शर्म करना
आँखों से खून टपकना : बहुत ज़्यादा ग़ुस्सा होना
आँख बचा के आना : चोरी-छुपे आना
आँख दिखाना : घूर कर देखना, डराना
आँख नीची करना : शर्मिंदा होना, लज्जित होना, झेंप जाना
आँखों से उतर जाना : तुच्छ व अपमानित होना
आँख मुंदना : मर जाना, संसार से विदा हो जाना
आँखर भर कर देखना : गौर से देखना, ध्यान से देखना
आँख बैठ जाना : रौशनी का चले जाना, अँधा हो जाना
आँख रोशन करना : खुश होना
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