Tag : Urdu Shayari

Imroz the poet

इमरोज़-एक जश्न अपने रंग, अपनी रौशनी का

इमरोज़ की मिट्टी का गुदाज़, लोच और लचक देखकर हैरत होती है कि कोई इतना सहज भी हो सकता है। लोग जो भी बातें करते रहें, वो दर-अस्ल इमरोज़ को अमृता के चश्मे के थ्रू देख रहे होते हैं जबकि इमरोज़ किसी भी परछाईं से अलग अपने वजूद, अपने मर्कज़ से मुकम्मल तौर पर जुड़े रहे हैं।

Munawwar Rana

मुनव्वर राना का आख़िरी मुशायरा

मुनव्वर राना, जिन्होंने गुज़िश्ता रात लखनऊ के पी.जी.आई. अस्पताल में कैंसर के मूज़ी मरज़ में आख़िरी साँस ली, मौजूदा दौर में उर्दू शायरी की आबरू थे। उन्होंने बरस-हा-बरस उर्दू शायरी के दीवानों पर अपना सिक्का चलाया। मुनव्वर राना को जो मक़बूलियत और शोहरत हासिल हुई, वो उनके हम-अस्र शोरा में कम ही लोगों का मुक़द्दर हो सकी।

Jaun Elia Picture

Jaun Elia ko ghussa kyon aata hai?

Jaun Elia, the poet of poignant verses and bitter truths, wasn’t just a name scribbled on pages; he was a melody of anger woven into every couplet. His words weren’t mere expressions; they were daggers dipped in disillusionment, piercing the hearts of those who dared to listen.

Blog on Faiz Ahmad Faiz

जब फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ को इंग्लिश के पर्चे में 150 में से 165 नंबर मिले

थर्ड ईयर के इम्तिहान के बाद जब तालिब-ए-इल्म अपनी अपनी कापियाँ देख रहे थे तो फ़ैज़ की कॉपी पर 165 नंबर दर्ज थे। कोई हैरान हुए बग़ैर नहीं रह सका क्योंकि इम्तिहान सिर्फ़ 150 नंबरों का था।

Mir Taqi Mir

जाने का नहीं शोर सुख़न का मेरे हरगिज़ : मीर तक़ी मीर

मीर तक़ी मीर, जिन्हें ख़ुदा-ए-सुख़न भी कहा जाता है, उर्दू के सबसे बड़े शा’इर हैं। मीर को ये दर्जा केवल उनकी शा’इरी की वजह से नहीं, ज़बान की इर्तिक़ा में उनके योगदान की वजह से भी हासिल है। शा’इरी का हर रंग उनके यहाँ नुमायाँ मिलता है, और इस लिहाज से वो उर्दू के वाहिद मुकम्मल शा’इर कहे जा सकते हैं।

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