Tag : Rubai

Firaq Gorakhpuri

जब जोश से अनबन हुई और फ़िराक़ गोरखपुरी ने पूरी किताब लिख दी

रूप की रुबाइयाँ एक और ज़ाविए से अहम हैं क्योंकि वो फ़िराक़ साहब की ज़िंदगी के अहम वाक़िए से जुड़ी हुई हैं। फ़िराक़ साहब और जोश साहब में गहरी दोस्ती थी लेकिन एक बार उनमें कुछ ऐसी अनबन हुई कि एक अर्से तक बात नहीं हुई। जब फ़िराक़ साहब दिल्ली से वापस इलाहबाद आए तो उन्होंने एक रुबाई कही थी।

Aamezish: The Confluence of Sufi Poetry and Western Music

Poetry and music share an equation that is analogous to that of a heart and mind; one of them throbs while the other thrives. Being fascinated with Persian Sufi poetry and Western classical music has often seen me scouring deep beneath the bottom of the internet-ocean and coming out with pearls undiscovered.

Firaq Gorakhpuri

फ़िराक़ गोरखपुरी होने का मतलब

फ़िराक़ गोरखपुरी पिछली सदी के सबसे जीनियस शायर हैं। फ़िराक़ से पहले जीनियस लफ़्ज़ के मुसतहिक़ ग़ालिब नज़र आते हैं। ग़ालिब और फ़िराक़ में एक बात और कॉमन है। वो है इन दोनों की नस्र। अगर आप इन दोनों की नस्र पढ़ें तो थोड़ी देर को ही सही, आपका ईमान इनकी शायरी से हिल जाएगा… continue reading

Twitter Feeds

Facebook Feeds