Mir Taqi Mir

जाने का नहीं शोर सुख़न का मेरे हरगिज़ : मीर तक़ी मीर

मीर तक़ी मीर, जिन्हें ख़ुदा-ए-सुख़न भी कहा जाता है, उर्दू के सबसे बड़े शा’इर हैं। मीर को ये दर्जा केवल उनकी शा’इरी की वजह से नहीं, ज़बान की इर्तिक़ा में उनके योगदान की वजह से भी हासिल है। शा’इरी का हर रंग उनके यहाँ नुमायाँ मिलता है, और इस लिहाज से वो उर्दू के वाहिद मुकम्मल शा’इर कहे जा सकते हैं।

A blog about patience

تخریب کے پردے میں تعمیر کا ساماں ہوتا ہے

کہیں ایسا تو نہیں، پھولوں نے، کلیوں نے،پتّوں نے، شاخوں نے ،چرند نے، پرند نے، مُرغ وماہی نے خالق ِ کائنات کے حضور ایک عرضی بھیجی ہو، التجا کی ہو کہ ربّا ! تیری اِس اَشرفُ المخلوقات سے تو ہم بہت تنگ آگئے ہیں۔ تیرا یہ خاکی کچھ زیادہ ہی سرکش ہو گیا ہے زمین و آسمان سب جگہ حاوی ہو گیا ہے۔ سمندر کے سینے پر بڑے بڑے جہاز اس تیز رفتار سے لے جاتا ہے کہ سمندر کی تہہ میں بھی مچھلیاں خوفزدہ ہو جاتی ہیں۔ کبھی کچھ گندگی ڈال جاتا ہے، کبھی کچھ۔ زمین و آسماں میں دھواں اِس قدر پھیلاتا ہے کہ بعض وقت سانس لینادشوار ہو جاتا ہے۔

PANDIT VIDYA RATTAN ASI Blog

ज़िंदगी की तल्ख़ सच्चाइयों का शाइर: पं. विद्या रतन आसी

आसी ने ज़िंदगी की महरूमियों को क़बूल ज़रूर किया लेकिन कभी हालात के आगे झुके नहीं. कभी ख़ुदकुशी करने की नहीं सोची. मुस्तक़िल उदासियों की सौगात ने आसी को हस्सास से हस्सासतर बनाया और वे राह में आने वाले हर अजनबी से पूरे ख़ुलूस और मुहब्बत से मिले और यही वजह है कि उनसे मिलने वाला हर अजनबी उनका अपना बन गया.

Pash the revolutionary poet

एक इंक़लाबी की डायरी

पाश ने मुसलसल डायरी नहीं लिखी। उनकी डायरी कई बरसों पर फैली हुई है। बेशतर साल की शुरूआत में डायरी लिखना शुरूअ किया और फिर बंद कर दिया। पाश की तमाम डायरियाँ संपादित हो कर पंजाबी में प्रकाशित हो चुकी हैं और इनका संपादन अमोलक सिंह ने किया है।

Rekhti-The-Feminist-Movement-in-Urdu

Rekhti: The Feminist Movement in Urdu Literature Initiated by Men

Rekhti is what one may describe as a genuinely intersectional, inclusive and expressive form of poetry. From discussing themes like female sexuality to homosexuality amongst women to writing about mundane everyday chores, Rekhti did it.

Urdu poetry techniques

उल्टी वा की धार

यूँ तो बहुत सी बातें हैं जो किसी शे’र को एक बेहतरीन शे’र बनाती हैं और उन पर दुनिया भर की बातें हुईं हैं मगर एक चीज़ जिस पर बात बहुत कम होती है वो है, “उल्टा इस्तेमाल” या मुख़ालिफ़ मअनी को साथ ला कर नए मअनी पैदा करना।

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