Tag : Birth Anniversary

mir taqi mir blog

Meer Sahab’s final resting place: Where is it?

2023 marks three hundred years of the legendary poet Meer Taqi Meer. A fresh wave of readers is turning to him, paying tribute to his poetic and linguistic legacy. In this festival of Meer’s life and poetry, a question is being asked more often than any other: Where is Meer’s final resting abode?

Mir Taqi Mir

‘बेटा इश्क़ करो, इश्क़’ कितना बदला था पिता की इस नसीहत से मीर का जीवन

किशोरावस्था में ही मिल जाने वाले इश्क़ के सबक़ को लेकर मीर उम्र भर जीते रहे। उनकी ज़िंदगी का कोई काम इश्क़ के शोर और वलवले से ख़ाली नहीं था। उन्होंने न सिर्फ़ पिता से ये नसीहतें सुनी थीं बल्कि इश्क़ में शराबोर उनके जीवन का नज़ारा भी किया था।

Ghalib Blog

आइये! बनारस का हुस्न ग़ालिब की नज़र से देखते हैं

तख़लीक़ की इस दुनिया के बेताज बादशाह ‘ग़ालिब’ ने ऐसे में कलकत्ता का सफ़र किया, क्यों किया! ये आप सब जानते हैं, मगर वो रास्ते में कुछ जगहों पर रुकते भी गए, बांदा, लखनऊ और काशी या बनारस ऐसे ही मक़ामात हैं। जो लोग ग़ालिब के ख़तों को पढ़ चुके हैं, उसकी उर्दू-फ़ारसी शायरी का ठीक से अध्ययन कर चुके हैं, उन्हें ये बताने की ज़रुरत नहीं कि मिटती हुई दिल्ली और उजड़ती हुई दहलवी तहज़ीब से उसका लगाव ज़्यादा नहीं रह गया था।

Guru Nanak Books Jayanti Blog

بابا نانک شاہ گرو

بابا نانک جی کا پیغام ہمارے لئے صرف ذاتی حیثیت ہی سے نہیں بلکہ جماعتی لحاظ سے بھی بہت ضروری اور قابل  قدر ہے۔ اس دیس میں جہاں ہزاروں برس سے مختلف مذہبوں کے ماننے والے بستے ہیں ابھی تک باہمی مفاہمت اور رواداری اور یکتا کی وہ روح، وہ فضا پیدا نہیں ہوسکی ہے جو ہر قسم کی مادی اور اخلاقی ترقی کے لئے پہلی شرط ہے۔

Majaz Blog

एक सच, एक अफ़साना : असरारुल-हक़ ‘मजाज़’

मजाज़ या’नी वो असरार जिन्हें दुनिया आज उस की मौत के 67 साल बा’द भी समझने की कोशिश में मुब्तला है। जिस के इ’श्क़, जुनून, मुहब्बत, हाज़िर-जवाबी, मयनोशी, और मौत के इर्द-गिर्द इतने क़िस्से सुने-सुनाए गए हैं कि उन में कौन सा सच और कौन सा अफ़्वाह है, फ़र्क़ करना मुश्किल है।

Twitter Feeds

Facebook Feeds