Amrita Pritam
If one was to define Amrita Pritam’s journey in this world, one would simply say: “Love with Sahir, Marriage with Singh, Life with Imroz”.
If one was to define Amrita Pritam’s journey in this world, one would simply say: “Love with Sahir, Marriage with Singh, Life with Imroz”.
अमीर मीनाई एक ऐसे अहम शायर हैं जिन पर बहुत कम बात होती है, चूँकि वो हमारी शेरी रवायत के बड़े शायर हैं और मुआमिला ये है कि उनका कलाम उनसे ज़ियादा मशहूर है। अमीर मीनाई का नाम बहुत लोग नहीं जानते लेकिन उनके अशआर फिर भी लोगों की ज़बाँ पर रहते हैं, मिसाल के तौर पर “ज़मीं खा गयी आसमां कैसे कैसे”।
बानी का 1932 में मुल्तान जिले में हुआ था और हिन्दुस्तान की आज़ादी के बाद 1947 में दिल्ली चले आए। उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से अपनी आगे की पढ़ाई जारी रखी और अर्थशास्त्र में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। बानी की ग़ज़लों से गुज़रते हुए आप उनकी मन्ज़र पैदा करने के हुनर के बारे में जानेंगे और आपको यक़ीन हो जाएगा कि वह एक शानदार मुसव्विरी की सलाहियत रखने वाले शायर थे।
जिगर के साथ वक़्त गुज़ारने वाले बताते हैं कि शराब की बोतल सिर्फ़ उस वक़्त जिगर के हाथ से छूटती जब वह बेहोशी के आलम में होते। नशा उतरता और फिर पीना शुरू कर देते। जिगर ने शराब की क्वालिटी, हद और पीने के वक़्त के बारे में कभी कुछ नहीं सोचा। वह हर वक़्त, हर तरह की शराब ज़्यादा से ज़्यादा पीना चाहते थे।
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