Tag : Ghazal

Jagjit Singh

जगजीत सिंह: एक याद

ग़ज़ल गायकों में वैसे तो बहुत बड़े बड़े नाम हुए हैं, लेकिन इसको एक नया आहंग देने में जगजीत सिंह का बेहद अहम योगदान है। ग़ज़ल गायकी में पहली बार गिटार, वायलिन जैसे साज़ों का इस्तिमाल करके एक नया रूप पैदा करना ये सिर्फ़ जगजीत सिंह के बस की ही बात थी। उन्होंने वाक़ई उर्दू शायरी और उर्दू ग़ज़ल को वो मक़ाम दिया है जो उसे मिलना चाहिए था। उनके और उर्दू के चाहने वाले ये बात कभी नहीं भूल सकते।

Urdu Shayari

हर अच्छे शायर ने मुसलसल रियाज़त की है

आपने कभी सोचा है कि हर एक गवैया कोई काम करे न करे लेकिन अपना रियाज़ ज़रूर करता है। अख़बार-नवीस छापने के लिए रोज़ ख़बरें ढूँढता है। अदाकार अपनी अदाकारी की रियाज़त करता है। या’नी हर एक कलाकार अपनी कला को बेहतर और बेहतर बनाने के लिए रोज़ रियाज़ करता है।

Irfan Siddiqi

नई शायरी करनी हो तो इनके बारे में जानना ज़रूरी होगा

इरफ़ान सिद्दीक़ी के इस अकेले शेर में उनकी ज़िन्दगी की पूरी कहानी छुपी हुई है। उर्दू ज़बान के बेहतरीन शाइरों में से एक होने के बावजूद, वो मक़बूलियत और पज़ीराई उनके लिए बहुत देर से आई, जिसके वो हक़दार थे। इरफ़ान सिद्दीक़ी आधुनिक उर्दू ग़ज़ल के एक ट्रेंडसेटर के रूप में भी जाने जाते हैं, जिन्होंने अपनी समझ और तर्कशक्ति को शाइरी में ढालने की हिम्मत की, और उर्दू शाइरी के कैनवस पर एक ख़ूबसूरत पेंटिंग बनाई।

Ghalib and April Fool, April Fool Shayari

“جب غالب کی غزل کے نام پر لوگوں کو اپریل فول بنایا گیا”

ریاست بھوپال اپنی تشکیل کے اولین دور سے ہی اہل علم و ادب کی قدردان رہی ہے خصوصاً نواب صدیق حسن خاں کا دوربھوپال کی علمی وجاہت کا انتہائی سنہرا دور تھا۔ قال اللہ اور قال رسول کے اسباق کے درمیان میر و مصحفی اور غالب و مومن کی شعری عشوہ طرازیوں کے رنگ بھی فضا میں بکھرے ہوئے تھے خصوصاً غالب کے قدردانوں کا ایک وسیع حلقہ یہاں موجود تھا۔یہی وجہ ہے یہاں غالب کی ابتدائی دور کا کلام اس وقت آگیا تھا جب وہ جوانی کی سرحدوں سے گزر رہے تھے ۔

Talat Mahmood

तलत महमूद: जिसने ग़ज़ल गायकी को आसान बना दिया

तलत महमूद को शहंशाह-ए-ग़ज़ल भी कहा जाता है। उन्होंने ग़ज़ल गायकी को आसान बनाया। उन्होंने लफ़्ज़ों को इतनी नरमी दे दी कि मानो जैसे वो फूल हों। मीर, मोमिन, ग़ालिब, जिगर मुरादाबादी, अमीर मीनाई, ख़ुमार बाराबंकवी, फ़ैज़ अहमद फ़ैज़, जाँ निसार अख़्तर जैसे बड़े शाइरों की ग़ज़लों को अपनी आवाज़ से छू कर उनकी ख़ूबसूरती में इज़ाफ़ा किया।

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