Tag : Urdu Poets

اردو شاعر مطلب، مرزا غالب

میں نے اپنے ایک اُردو داں اور نکتہ سنج دوست سے پوچھا کہ غالب کون ہے؟ ان کا جواب تھا: ’سوال بظاہر سادہ، لیکن بہت گہرا ہے۔ سادہ اس لیے کہ لوگ اس پر ہنسیں گے کہ آپ کو یہ بھی نہیں معلوم کہ غالب کون ہے اور گہرا اس لیے کہ یہ تو غالب کو بھی نہیں معلوم تھا کہ غالب کون ہے؟

josh malihabadi shayari

Unique Dimensions of Josh

Josh gave new meaning to life and new life to the meaning. He accorded a new level of consciousness to the art of aesthetics and poetry. He has the capacity of intellect to rationalize and analyze, and the integrity of character to fearlessly question and discard. And some of those questions were cutting too deep and too close to the core of the matter, hence he was punished.

Parveen Shakir

परवीन शाकिर ने अपने अंदर की लड़की को मरने नहीं दिया

परवीन शाकिर अगर आज हयात होतीं तो उनहत्तर (69) साल की होतीं, लेकिन न जाने ख़ुदा की क्या हिक्मत या मस्लिहत है कि वो हमसे उन लोगों को बहुत जल्दी छीन लेता है जो हमें बहुत महबूब होते हैं। ऐसे शाइरों, अदीबों और फ़नकारों की एक लंबी फ़ेहरिस्त है जो बहुत जल्दी हमें छोड़ गए। परवीन शाकिर भी बद-क़िस्मती से इसी फ़ेहरिस्त का हिस्सा हैं।

Zauq

कौन जाए ‘ज़ौक़’ पर दिल्ली की गलियाँ छोड़ कर

दिल्ली की गलियों को न छोड़कर जाने वाले इस अज़ीम शायर की दायमी आरामगाह का पता अब चिन्योट बस्ती, मुल्तानी ढाण्डा, पहाड़गंज, नई दिल्ली है जो कि बंटवारे के बाद ग़ैर-तक़सीम पंजाब के चिन्योट और मुल्तान ज़िलों से आकर बसे हिन्दुस्तानियों से आबाद है।

अकबर इलाहाबादी : हिन्दुस्तानी तहज़ीब के समर्थक

अकबर इलाहबादी को अब इस से फ़र्क़ नहीं पड़ता कि वो इलाहबादी हैं या प्रयागराजी। बात उनकी शायरी की होनी चाहिए और शायरी भी कैसी जो सरासर हिंदुस्तानी है। ये बहस बहुत पुरानी है की साहित्य का मक़सद समाज की भलाई है या साहित्यकार अपने दिल की बात करता है, चाहे उसका कोई अज़ीम मक़सद न भी हो।

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