#QissaKahani: हकीम मोमिन ख़ाँ मोमिन, जो हमेशा इश्क़ के बीमार रहे
ये उस वक़्त की बात है जब मोमिन की हिक्मत के चर्चे सुन कर लखनऊ की एक नामी-गिरामी तवाइफ़ जिसका नाम उम्मतुल फ़ातिमा था अपने इलाज के लिए मोमिन के पास दिल्ली चली आई थी। तवाइफ़ लखनऊ की थी तो शेर-ओ-अदब का ज़ौक़ भी रखती थी और शेर भी कहती थी। ‘साहिब’ उसका तख़ल्लुस था।लेकिन लोग उसे आम तौर पर ‘साहब जान’ के बजाय ‘साहिब जी’ कहा करते थे।