Imroz the poet

इमरोज़-एक जश्न अपने रंग, अपनी रौशनी का

इमरोज़ की मिट्टी का गुदाज़, लोच और लचक देखकर हैरत होती है कि कोई इतना सहज भी हो सकता है। लोग जो भी बातें करते रहें, वो दर-अस्ल इमरोज़ को अमृता के चश्मे के थ्रू देख रहे होते हैं जबकि इमरोज़ किसी भी परछाईं से अलग अपने वजूद, अपने मर्कज़ से मुकम्मल तौर पर जुड़े रहे हैं।

मुहल्ला बिल्लीमारान या बल्लीमारान? एक दिलचस्प बहस

अब मुहल्ले का नाम बिल्लीमारों क्यों था? हालाँकि इस बात का कोई सुबूत नहीं मिलता लेकिन इस हवाले से एक बात ये कही जाती है कि एक ज़माने में यहाँ साहँसी या साँसी लोग रहते थे जो कुत्ते-बिल्लियों का गोश्त खाया करते थे। इसलिए इस मुहल्ले को ‘बिल्लीमारों’ का मुहल्ला कहा जाता है।

Gulzar Dehlvi

गुलज़ार देहलवी : हमारी गंगा-जमुनी तहज़ीब के अलम -बरदार

पंडित आनंद मोहन ज़ुत्शी गुलज़ार देहलवी अपना जिस्मानी सफ़र तमाम करके हमारी अदबी और तहज़ीबी तारीख़ में एक ऐसी दास्तान के तौर पर दर्ज हो गए हैं, जिसे जब भी पढ़ा या सुना जाएगा तो आँखों से ओझल होती हुई हमारी मुशतर्का तहज़ीब का तमाम-तर हुस्न-ओ-जमाल मुजस्सम हो कर सामने आ जाएगा।

Urdu Blog

 आईना-दर-आईना

आईने ने शाइरों का काम बहुत आसान बनाया, इतना आसान कि उस पर हज़ारों शेर कहे गए और अब नए शोरा आईने पर शेर कहते हुए या तो नए ज़ाविए तलाश करते हैं, या इस इस्तिआरे से ही गुरेज़ करते नज़र आते हैं।

Indian Independence Blog

From 1857 to 1947: Towards Our Independence with Urdu Nazms

A part of India’s exquisite literature that has arguably been the closest to common people is Urdu poetry. So much so, that many of the couplets have become like idioms to us. But besides Ghazals and its Shers, Nazms, too are etched in our collective consciousness.

Yoga Day

یوگ جسمانی صحت کے لئے انمول  تحفہ

یوگ ایک روحانی و جسمانی پریکٹس ہے جو خالص ہندوستان کی پیداوار ہے۔ یہ تصوف کی ایک خاص اصطلاح مراقبہ کے ‌مماثل ہے۔ ہندوستان کی قدیم ترین اور کلاسکی زبان سنسکرت میں یوگا کا مطلب ‘نظم و ضبط’ ہے۔ یوگا کی جڑیں ہندو مذہبی روایات میں پیوست ہیں۔ اپنی کئی خصوصیات کی بنا پر آج دنیا بھر میں یوگا کی مقبولیت میں اضافہ ہورہا ہے۔

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