Tag : Urdu Shayari

Urdu Shayari Mein Shahron Ki Kahani

उर्दू शायरी में शहरों की कहानी

वैसे तो हर शख़्स को अपनी जा-ए-पैदाइश या वतन से मुहब्ब्बत होती ही है और वक़्तन फ़-वक़तन वो उसकी ज़ुबान से ज़ाहिर हो ही जाती है, लेकिन जब मुहब्बत करने वाला शख़्स शेरो अदब से ताल्लुक़ रखता हो तब क्या ही कहने। अलग़रज़ जहाँ जहाँ उर्दू पनपी और परवान चढ़ी उन अक्सर जगहों का नाम… continue reading

Hasrat Mohani

स्वतंत्रता आंदोलन: जब दुबले-पतले हसरत जेल में चक्की पीसने पर लगा दिए गए

आज़ाद मुलक के अपने ख़्वाब के लिए हसरत मोहानी ने बेशुमार मुसीबतें और मुश्किलें बर्दाश्त कीं, जिस्मानी यातनायें झेलीं और ज़िंदगी के कई बरस जेल में गुज़ारे। उनका दिया हुआ नारा ‘इन्क़िलाब ज़िंदाबाद’ अंग्रेज़ी हुकूमत के ख़िलाफ़ संघर्ष का प्रतीक बना। हसरत आज़ाद मुल्क में सविधान सभा के सदस्य भी रहे।

Baat se Baat Chale Dhirendra Singh Faiyaz

बात से बात चले!

सालिम सलीम : आग़ाज़ हम आप के ख़ानदानी पस-मंज़र से करेंगे, क्या आप के घर में शा’इरी और अदब का माहौल था, जिस से प्रभावित हो कर आप भी शे’र की तरफ़ माइल हुए। इस के बारे में कुछ हमें बताइए। धीरेंद्र सिंह फ़य्याज़ : नहीं ! मेरे परिवार का दूर- दूर तक शा’इरी तो… continue reading

NIGHT, SOLITUDE, SELF: Firaq in his Elements

Firaq Gorakhpuri makes a friend of the night. It is a living presence in his verses that hums with soft movement. It has its own rhythm, its own pace as it moves on moment by moment. Firaq recognizes this and connects with the elements of the night, the stars heave, the winds are infused with stories, the evenings have sorrows to share.

cover, eye, image, poems, idioms

आँखों से सम्बंधित मुहावरे: आँखें शरीर को ही नहीं भाषा को भी ख़ूबसूरत बनाती हैं!

आँखें वैसे तो शरीर के दूसरे अंगों की तरह एकअंग ही हैं जिनके द्वारा हम संसार को देखते हैं और उसके दृश्यों से सम्बंध स्थापित करते हैं, लेकिन हमारी ज़िंदगी में इनकी अहमियत शरीर के दुसरे अंगों की अपेक्षा कुछ ज़्यादा ही रही है. अदब व शायरी में भी आँखों के इर्द-गिर्द नये नये मज़ामीन बाँधे गये हैं, उनके सौन्दर्य की प्रशंसा की गयी है

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