Tag : Birth Anniversary

Imroz the poet

इमरोज़-एक जश्न अपने रंग, अपनी रौशनी का

इमरोज़ की मिट्टी का गुदाज़, लोच और लचक देखकर हैरत होती है कि कोई इतना सहज भी हो सकता है। लोग जो भी बातें करते रहें, वो दर-अस्ल इमरोज़ को अमृता के चश्मे के थ्रू देख रहे होते हैं जबकि इमरोज़ किसी भी परछाईं से अलग अपने वजूद, अपने मर्कज़ से मुकम्मल तौर पर जुड़े रहे हैं।

tarz-e-Bedil mein rekhta kahna- Ghalib’s fondness for Bedil

Ghalib was so influenced by Bedil, that his own poetry tirelessly reflected Bedil’s highly convoluted, Persianized and izaafat-laden style. Even Ghalib’s lofty themes can be loosely ascribed to Bedil’s buland-KHayaalii- sky-high rumination.

Jaun Elia Picture

Jaun Elia ko ghussa kyon aata hai?

Jaun Elia, the poet of poignant verses and bitter truths, wasn’t just a name scribbled on pages; he was a melody of anger woven into every couplet. His words weren’t mere expressions; they were daggers dipped in disillusionment, piercing the hearts of those who dared to listen.

PANDIT VIDYA RATTAN ASI Blog

ज़िंदगी की तल्ख़ सच्चाइयों का शाइर: पं. विद्या रतन आसी

आसी ने ज़िंदगी की महरूमियों को क़बूल ज़रूर किया लेकिन कभी हालात के आगे झुके नहीं. कभी ख़ुदकुशी करने की नहीं सोची. मुस्तक़िल उदासियों की सौगात ने आसी को हस्सास से हस्सासतर बनाया और वे राह में आने वाले हर अजनबी से पूरे ख़ुलूस और मुहब्बत से मिले और यही वजह है कि उनसे मिलने वाला हर अजनबी उनका अपना बन गया.

Manto Blog cover

کون ہے یہ گستاخ؟

سن 1933 میں زندگی نے رخ موڑا اور منٹو کی ملاقات عبدالباری علیگ نام کے ایک شخص سے ہوئی، جو پیشے سے اسکالر اور ادیب تھے۔ اُنہوں نے ہی منٹو کو منٹو سے ملایا، اُن کی ادب میں دلچسپی پیدا کی اور انہیں روسی و فرینچ ادب پڑھنے کی نصیحت کی۔ منٹو نے اُن کی بات کو سنجیدگی سے لیا اور روسی و فرینچ ادب پڑھنا شروع کر دیا۔

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