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Let’s count them words!

Different poets might use slightly different distribution of words and word clouds are typically used to convey information about the distribution of words in some specific context. The more a word is used, the bigger it is on the cloud. So, let us make these word clouds for some prominent poets and see if they convey some insight into their commonalities and distinctiveness. 

Sher Mein Ek Lafz Ki Kahani

शेर में एक लफ़्ज़ की हैसियत

अच्छा शेर कहने से पहले हमें कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है। अव्वल तो यह कि हमारा ख़याल यानी शेर का मौज़ूअ क्या है, और हम उसे पेश कैसे कर रहे हैं? शेर का मतलब होता है ”कोई एक बात, कोई एक मौज़ूअ दो मिसरों में कहना न कि दो मुख़्तलिफ़ मौज़ूअ दो मिसरों में कहना।

Lafz, Alfaz

आख़िर लफ़्ज़ कहाँ सुकून का साँस लेते हैं?

हाँ तो हम बात कर रहे थे ग़लती और हरकत और निगरानी जैसे अल्फ़ाज़ की। क्या आपने कभी सोचा कि आम तलफ़्फ़ुज़ में ऐसा होता ही क्यों है कि ग़लती को ग़ल्ती, हरकत को हर्कत बोला जाता है?? ये क्या सिर्फ़ तलफ़्फ़ुज़ के न पता होने का मुआमला है या इसमें कोई अरूज़ या’नी छंदशास्त्र से जुड़ी हुई बात भी है जो बराबर काम कर रही है??

Momin Khan Momin Blog

#QissaKahani: हकीम मोमिन ख़ाँ मोमिन, जो हमेशा इश्क़ के बीमार रहे

ये उस वक़्त की बात है जब मोमिन की हिक्मत के चर्चे सुन कर लखनऊ की एक नामी-गिरामी तवाइफ़ जिसका नाम उम्मतुल फ़ातिमा था अपने इलाज के लिए मोमिन के पास दिल्ली चली आई थी। तवाइफ़ लखनऊ की थी तो शेर-ओ-अदब का ज़ौक़ भी रखती थी और शेर भी कहती थी। ‘साहिब’ उसका तख़ल्लुस था।लेकिन लोग उसे आम तौर पर ‘साहब जान’ के बजाय ‘साहिब जी’ कहा करते थे।

Amrita Pritam

Amrita Pritam

The Immortal Romantic

If one was to define Amrita Pritam’s journey in this world, one would simply say: “Love with Sahir, Marriage with Singh, Life with Imroz”.

Sher mein Ek Lafz Ka Kamaal

शेर में एक लफ़्ज़ का कमाल

आज के ज़माने मे ये हुनर यानी एक, दो लफ़्ज़ों से मैयारी शायरी करना बड़े मुस्तनद और तजरबे-कार शाइरों मे ही पाया जाता है। मै चन्द मिसालों की मदद से रेख़्ता के कारईन बिल-ख़ुसूस नये लिखने वालों तक इस हुनर की तरसील करना चाहता हूँ…

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