Tag : Urdu Shayari

अकबर इलाहाबादी : हिन्दुस्तानी तहज़ीब के समर्थक

अकबर इलाहबादी को अब इस से फ़र्क़ नहीं पड़ता कि वो इलाहबादी हैं या प्रयागराजी। बात उनकी शायरी की होनी चाहिए और शायरी भी कैसी जो सरासर हिंदुस्तानी है। ये बहस बहुत पुरानी है की साहित्य का मक़सद समाज की भलाई है या साहित्यकार अपने दिल की बात करता है, चाहे उसका कोई अज़ीम मक़सद न भी हो।

Meeraji

कहते हैं कि उन्हों ने अपनी प्रेमिका के नाम पर ही अपना नाम मीरा जी रखा

मीरा जी का असली नाम मोहम्मद सनाउल्लाह ‘सानी’ डार था। लाहौर में विलादत हुई , इनके वालिद का नाम मुंशी महताबउद्दीन था जो रेलवे में मुलाज़मत करते थे और इनकी वालिदा का नाम ज़ैनब बेगम था। इनके वालिद को मुलाज़मत के दौरान कई मुख़्तलिफ़ शह्रों में क़याम करना पड़ता कभी गुजरात के काठियावाड़ ,बलूचिस्तान वग़ैरह वग़ैरह। मीरा जी वालिद के साथ ख़ूब घूमे इसका उनके ज़ेहन पर बहुत गहरा असर पड़ा और छोटी उम्र से ही वो घुमक्कड़ क़िस्म के हो गए थे ।

Jaun Elia

जौन तो एक धड़कता हुआ दमाग़ था!!

जौन वो शमअ’ थी जिसको मालूम था कि लोग उसके बुझने का नज़्ज़ारा करना चाहते हैं। जौन एलिया ने कभी कोशिश भी नहीं की समाज की उस रस्म को निभाने की, जिसमें अपने ज़ख़्मों को छुपाया जाता है, उनकी सर-ए-आम नुमाइश नहीं की जाती। रोया तो बीच महफ़िल रो दिया।

love story, meera, meeraji, mad, love, urdu

Ishqnaama: The love-life of Meeraji

A major modernist poet, by all means, Meeraji is also a myth of sorts. He had to be so, for he lived a life completely atypical and totally abysmal.

Majaz Blog

जब शराब पीते हुए एक मैख़ाने में उनकी मौत हो गई

मजाज़ की शाइरी किसी वाहिद मौजू के इर्द गिर्द चक्कर नहीं लगाती, बल्कि एक नौजवान की ज़िंदगी के बेश्तर पहलुओं पर बिखरी हुई है। मजाज़ की शाइरी में रूमान भी है, एक कश्मकश भी है, आह-ओ-ग़म भी है, कहीं उम्मीद है तो कहीं ना-उम्मीदी की इंतिहा नज़र आती है।

Twitter Feeds

Facebook Feeds