Tag : Mirza Ghalib

Delhi Shayari Blog

दिल्ली अपने शाइ’रों की नज़र में

दिल्ली वक़्त जितना ही पुराना शह्र है। इस शह्र के सब से पुराने आसार तक़रीबन 300 क़ब्ल-ए-मसीह के आस-पास के हैं। ये शह्र हमेशा से तहज़ीब, तरक़्क़ी और फ़ुनून-ए-लतीफ़ा का मर्कज़ रहा है। इसी लिए, जब हम तारीख़ के पन्ने पलटते हैं तो पाते हैं कि इस शह्र ने जितने आली-मर्तबत लोगों को अपनी तरफ़ खींचा, उतने ही हम्लावरों को भी।

Tazmin Nigari in Urdu

The Art of Tazmin-Nigari in Urdu Poetry

Derived from its Arabic root Zimn, Tazmin literally means to join or include one thing in another, but in poetics, it means inserting the verses of another in one’s own poem. It’s a genre of poetry in which a poet draws upon a line, or a couplet, belonging to some other poet and adds to it a line of his own.

Teacher's Day Blog

شاعری کے استاد

قدیم زمانہ میں کسی استاد کی شاگردی اختیار کئے بغیر شعر کہنا معیوب سمجھا جاتا تھا۔ مبتدی شعراء بڑی منت سماجت کر کے کسی مستند شاعر کی شاگردی کا شرف حاصل کرتے۔ زبان و فن کی باریکیاں سیکھنے کی کوشش کرتے تھے۔ استاد کو دکھائے بغیر ایک شعر بھی کسی محفل میں پڑھنے کی جرأت نہیں کرتے تھے۔

Naseeruddin Shah Blog

कहते हैं कि नसीर का है अंदाज़-ए-बयाँ और

ग़ालिब सीरीयल के तअल्लुक़ से एक और दिलचस्प क़िस्सा है। नसीरुद्दीन शाह मुँह-फट, और ग़ुस्सैले मशहूर हैं। ज़बान पर अंग्रेज़ी की वो गाली जो एफ़ से शुरू होती है, वो भी चढ़ी हुई है। उनकी शरीक-ए-हयात रत्ना ने उनसे गुज़ारिश कि ख़ुदा के लिए अपनी ज़बान पर क़ाबू रखना क्योंकि तुम इंडस्ट्री के तीन सब से ज़ियादा मोहज़्ज़ब, शाइस्ता और शरीफ़ लोगों के साथ काम कर रहे हो।

Hazrat-e-Ishq, हज़रत-ए-इश्क़

हज़रत-ए-इश्क़, जो उस्तादों के उस्ताद हैं

हिन्दुस्तानी तहज़ीब से वाक़िफ़ हर शख़्स ये बात जानता है कि कोई भी फ़न सीखने के लिए, इल्म हासिल करने के लिए पहले उसके लायक़ बनना ज़रूरी है, ये वो ज़मीन है जहाँ गुरुओं, उस्तादों, शिक्षकों का सम्मान करना शिक्षित होने की पहली सीढ़ी माना जाता है, ऐसे में उस्तादों का एहतराम करने की रवायत बन जाती है जो कई शेरों में झलकती है।

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