Imroz the poet

इमरोज़-एक जश्न अपने रंग, अपनी रौशनी का

इमरोज़ की मिट्टी का गुदाज़, लोच और लचक देखकर हैरत होती है कि कोई इतना सहज भी हो सकता है। लोग जो भी बातें करते रहें, वो दर-अस्ल इमरोज़ को अमृता के चश्मे के थ्रू देख रहे होते हैं जबकि इमरोज़ किसी भी परछाईं से अलग अपने वजूद, अपने मर्कज़ से मुकम्मल तौर पर जुड़े रहे हैं।

Kya main Farsi bol raha hun

Kya main Farsi bol raha hun?

You must have heard the phrase, ‘Kya main Farsi bol raha hun?’ several times in serials, movies and perhaps by the very people around you as a sarcastic remark when someone cannot comprehend a simple matter. Such is the impact of the phrase that it has become a constant in our everyday speech. But as… continue reading

Urdu Mein Gesu-e Ghanshyam Ke Kham

उर्दू में गेसू-ए-घनश्याम के ख़म

पंडित दयाशंकर नसीम की ‘गुलज़ार-ए-नसीम’ में एक दिलचस्प बात पता चली और ऐसा लगा जैसे कोई पहेली खुली हो, तो वो पहेली ये थी कि गुलज़ार-ए-नसीम में एक शे’र है, साद आँखों के देख कर पिसर कीबीनाई के चेहरे पर नज़र की यहाँ साद से क्या मुराद है ये समझ नहीं आ रहा था, अपने… continue reading

Baat Se Baat Chale Abhishek Shukla Ke Saath

बात से बात चले: अभिषेक शुक्ला के साथ एक अदबी गुफ़्तगू

विकास शर्मा राज़ : शुरुआत एक रिवायती लेकिन बुनियादी सवाल से करते हैं ।आपकी शा’इरी की शुरुआत कैसे हुई ? अभिषेक शुक्ला: यह सन् 2004 की बात है विकास भाई.. यहाँ लखनऊ में एक डिबेट कंपटीशन हुआ करता था,मैंने भी उसमें हिस्सा लिया और मुझे उसमें पहला ईनाम भी मिला मगर मुश्किल यह थी कि… continue reading

Rishton Ki Ahmiyat, Rishton Ki Majbooriyan

रिश्तों की मजबूरियाँ और शायर का दर्द

आदमी के पैदा होते ही उसके साथ तमाम तरह के रिश्ते जुड़ जाते हैं | जब होश संभलता है तो पता लगता है कि आख़िर ये रिश्ते क्या हैं और इनकी हमारी ज़िन्दगी में अहमियत क्या है ! इसके बाद कुछ रिश्ते बेहद ज़रूरी लगने लगते हैं और कुछ एकदम बेमानी | फिर ज़िन्दगी के… continue reading

Jitne Muh Utni Baatein

जितने मुँह उतनी बातें

“लम्बा चौड़ा आदमी था, शेव बढ़ी हुई थी” “यार शेव कब बनवाओगे? बहुत बढ़ रही है” यह दोनों जुमले टेक्निकली ग़लत हैं, शेव अंग्रेज़ी का लफ़्ज़ है जिसके मानी हैं ‘बाल या दाढ़ी मुंडवावाना’, लेकिन ऊपर के दोनों जुमलों में इसको दाढ़ी के मानी में इस्तिमाल किया है, यानी एकदम उलट मतलब लिया है। तो… continue reading

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