Imroz the poet

इमरोज़-एक जश्न अपने रंग, अपनी रौशनी का

इमरोज़ की मिट्टी का गुदाज़, लोच और लचक देखकर हैरत होती है कि कोई इतना सहज भी हो सकता है। लोग जो भी बातें करते रहें, वो दर-अस्ल इमरोज़ को अमृता के चश्मे के थ्रू देख रहे होते हैं जबकि इमरोज़ किसी भी परछाईं से अलग अपने वजूद, अपने मर्कज़ से मुकम्मल तौर पर जुड़े रहे हैं।

Depression Shayari, Shayari in Depression, Shayari to Help Fight Depression

डिप्रेशन में शायरी कैसे काम आती है

शायर कैफ़ भोपाली साहब फ़रमाते हैं – ज़िन्दगी शायद इसी का नाम है,दूरियाँ, मजबूरियाँ, तन्हाईयाँ ज़िन्दगी हमारे सामने कई रूप और कई रंगों के साथ मौजूद है | आज कुछ ऐसे हालात बनते जा रहे हैं कि कहीं भी कोई उम्मीद की रौशनी नज़र नहीं आती | मुस्तक़बिल किसी ज़र्द दरीचे के उस पार का… continue reading

Gulzar Dehlvi Rekhta Blog Urdu

گلزار دہلوی:تہذیبی امتزاج کی تجسیم

پپنڈت آنند موہن زتشی گلزار دہلوی اپنا جسمانی سفر تمام کرکے ہماری ادبی اور تہذیبی تاریخ میں ایک ایسی داستان کے طور پر درج ہوگئے ہیں، جسے جب بھی پڑھا یا سنا جائے گا تو آنکھوں سے اوجھل ہوتی ہوئی ہماری مشترکہ تہذیب کا تمام تر حسن و جمال مجسم ہوکر سامنے آجائے گا۔گلزار صاحب… continue reading

कृष्ण चंद्र के पढ़े लिखे गधे

हर ज़माने में गधों की अज़मत का तरह तरह से एतराफ़ किया गया, कभी ये पैग़म्बरों की सवारी बने, कभी इन्सानों का बोझ उठाया, किसी पार्टी के इंतिख़ाबी निशान के तौर पर पहचाना गया, कभी सियासी जलसों में डिस्कस हुए, हमारे यहां गधा महज़ बोझ उठाने वाला जानवर ही नहीं एक काबिल-ऐ-क़दर जंगी हीरो भी… continue reading

Baat se Baat Chale Dhirendra Singh Faiyaz

बात से बात चले!

धीरेंद्र सिंह फ़य्याज़ के साथ एक अदबी गुफ़्तुगू

सालिम सलीम : आग़ाज़ हम आप के ख़ानदानी पस-मंज़र से करेंगे, क्या आप के घर में शा’इरी और अदब का माहौल था, जिस से प्रभावित हो कर आप भी शे’र की तरफ़ माइल हुए। इस के बारे में कुछ हमें बताइए। धीरेंद्र सिंह फ़य्याज़ : नहीं ! मेरे परिवार का दूर- दूर तक शा’इरी तो… continue reading

Bichhda Kuch Is Ada Se Ki Rut Hi Badal Gai

Shers which resonate with our sympathies to those we have lost!

The tree of Time, too, withers just like any other tree the only exception being that, the leaves that bid farewell to Its branches are our dearest companions. This withering is a certainty, what is uncertain is that no one knows when and which leaf is going to fall next… in the embrace of Death…. continue reading

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