नज़्म क्या होती है?
नज़्म का लुग़वी मआनी ‘पिरोने’ का है. जैसे अक्सर हम यह कहते भी हैं कि फ़लाँ ने फ़लाँ शे’र में फ़लाँ लफ़्ज़ जो नज़्म किया है वह ज़बान के लिहाज़ से दुरुस्त नहीं है.नज़्म (पाबन्द) की तवारीख़ देखें तो मेरे ख़याल से इसकी उम्र ग़ज़ल की उम्र के लगभग बराबर ही होगी। नज़्में बेश्तर तीन… continue reading