Tag : Urdu Shayari

Ghazal, Hard and Sur

ग़ज़ल की मक़बूलियत का सफ़र

मौसीक़ी को पसंद करने वाले की तादाद तब ज़ियादा बढ़नी शुरू हुई, जब इसमें ग़ज़लों को दौर शुरू हुआ | ग़ज़ल की सबसे बड़ी ख़ासियत आहंग और अरूज़ ने गुलूकारों को वो आसानी बख्शी कि कोई भी उस्ताद गुलूकार ग़ज़ल गाए बग़ैर नहीं रह सका |

Kaanto Ke Bhi Kitne Rang

काँटों के भी कितने रंग

पाँव के काँटे से ज़्यादा ख़ूबसूरत और मुनासिब मैटाफ़र शायद मुम्किन ही नहीं। इस एक काँटे को ऐसे रंग रंग के ख़्यालात के लिए इस्तिमाल किया जा सकता है, तो मेरा ये ख़्याल है कि (हालाँकि बहुत अजीब है) काँटे में फूल से ज़ियादा रंग होते हैं।

Akhtar-ul-Iman Nazm

Akhtar-ul-Iman: My state of mind while writing ‘Naqsh-e-Paa’

Akhtar ul Iman was one of the most important Urdu poets of his time. Considered as one of the pillars of modern Urdu Nazms (Poems). Akhtar also wrote dialogues for more than hundred bollywood films including ‘Waqt’ and ‘Qaanoon’.

Shakeb Jalali Blog

ज़िन्दगी के ज़ख़्मों से लहू-लुहान शायर : शकेब जलाली

शकेब जलाली की शायरी का उस्लूब मुनफ़रिद और मुमताज़ है और उनकी ग़ज़ल में क़ुदरत रात-दिन, जंगल-सेहरा, बहार-ख़िज़ाँ, अपने हर रूप में जलवा-नुमा है। उनकी शाइरी में ख़िज़ाँ-रसीदा शजर, चाँद, दरिया के इस्तिआरे क़सरत से इस्तेमाल हुए हैं।

Sher Mein Ek Lafz Ki Kahani

शेर में एक लफ़्ज़ की हैसियत

अच्छा शेर कहने से पहले हमें कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है। अव्वल तो यह कि हमारा ख़याल यानी शेर का मौज़ूअ क्या है, और हम उसे पेश कैसे कर रहे हैं? शेर का मतलब होता है ”कोई एक बात, कोई एक मौज़ूअ दो मिसरों में कहना न कि दो मुख़्तलिफ़ मौज़ूअ दो मिसरों में कहना।

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