Imroz the poet

इमरोज़-एक जश्न अपने रंग, अपनी रौशनी का

इमरोज़ की मिट्टी का गुदाज़, लोच और लचक देखकर हैरत होती है कि कोई इतना सहज भी हो सकता है। लोग जो भी बातें करते रहें, वो दर-अस्ल इमरोज़ को अमृता के चश्मे के थ्रू देख रहे होते हैं जबकि इमरोज़ किसी भी परछाईं से अलग अपने वजूद, अपने मर्कज़ से मुकम्मल तौर पर जुड़े रहे हैं।

Husn e Jaana Ki Tareef

इन शेरों की तो पेंटिंग्स भी नहीं बनाई जा सकती

महबूब की तारीफ़ करनी हो या मोहब्बत का इज़हार, सबकी पहली पसंद शायरी है, सबकी ज़िन्दगी में एक दौर ऎसा ज़रूर आता है जब ख़ूब शायरी पढ़ी जाती है और लिखने की कोशिशें भी होती हैं, ये दौर अक्सर मोहब्बत या आज की ज़बान में क्रश या पहले पहले प्यार का दौर होता है।

Rauf Raza - Rekhta Blog

रउफ़ रज़ा: जिन्हें भरी बहार में इस दुनिया से उठा लिया गया

रऊफ़ साहब ने उस वक़्त इस दुनिया को अलविदाअ’ कहा जब उनकी शाइरी अपने उरूज पर थी। रऊफ़ साहब का नाम जदीद शाइरी के उन मो’तबर नामों में शुमार होता है जिन्होंने अपने आस-पास की चीज़ों को शाइरी में ढालकर ज़िन्दगी को देखने का एक ऐसा नज़रीया पेश किया।

Ghazal, Hard and Sur

ग़ज़ल की मक़बूलियत का सफ़र

मौसीक़ी को पसंद करने वाले की तादाद तब ज़ियादा बढ़नी शुरू हुई, जब इसमें ग़ज़लों को दौर शुरू हुआ | ग़ज़ल की सबसे बड़ी ख़ासियत आहंग और अरूज़ ने गुलूकारों को वो आसानी बख्शी कि कोई भी उस्ताद गुलूकार ग़ज़ल गाए बग़ैर नहीं रह सका |

Asraar-e-Huruuf: The Story of Alif

Asraar-e-Huroof: The Story of Alif

Alif echoes the sound ‘a’, as in the word ‘but’. In Devanagari, it’s written as “अ”. But to understand how monumental this little aspirant-letter is in the grand scheme of things

Gauhar Jaan And Akbar Allahabadi

#QissaKahani: जब हिन्दोस्तान की एक मशहूर गायिका और एक तवाइफ़ अकबर से मिलने पहुँचीं

QissaKahani रेख़्ता ब्लॉग की नई सीरीज़ है, जिसमें हम आपके लिए हर हफ़्ते उर्दू शायरों, अदीबों और उर्दू से वाबस्ता अहम् शख़्सियात के जीवन से जुड़े दिलचस्प क़िस्से लेकर हाज़िर होते हैं। इस सीरीज़ की चौथी पेशकश में पढ़िए अकबर इलाहाबादी और मशहूर गायिका गौहर जान की मुलाक़ात का क़िस्सा।

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